क्या आपने कभी अपनी दादी या नानी को यह कहते सुना है, “बेटा, सोने से पहले पैरों पर तेल लगाओ, अच्छी नींद आएगी”? यह सिर्फ़ स्नेह नहीं, बल्कि आयुर्वेद का गूढ़ ज्ञान था। तिल या सरसों के तेल से पैरों की मालिश करना सदियों पुरानी आयुर्वेदिक परंपरा है, जिसे अब आधुनिक चिकित्सा विज्ञान ने भी स्वीकार कर लिया है।
आयुर्वेद के अनुसार, “पादाभ्यंग” (पैरों की मालिश) शरीर की नाड़ियों और वात दोष को संतुलित करता है। यह न केवल थकान और तनाव को कम करता है, बल्कि नींद, आँखों की रोशनी, त्वचा की चमक और मानसिक शांति को भी बढ़ावा देता है।
चरक संहिता और अष्टांग हृदयम जैसे प्राचीन ग्रंथों में पादाभ्यंग को दैनिक दिनचर्या का एक अनिवार्य हिस्सा बताया गया है।
पैरों की क्या खासियत है?
पैरों के तलवों में 72,000 से ज़्यादा नाड़ियाँ और प्रमुख एक्यूप्रेशर बिंदु होते हैं।
पाचन, हृदय, फेफड़े, यकृत, मस्तिष्क, जननांगों से संबंधित बिंदु होते हैं।
जब इन पर तेल लगाकर धीरे-धीरे मालिश की जाती है, तो इसका प्रभाव पूरे शरीर पर पड़ता है।
कौन से तेल उपयुक्त हैं?
तिल का तेल:
वात को शांत करता है
त्वचा को पोषण देता है
हड्डियों को मजबूत करता है
तंत्रिका तंत्र को सक्रिय करता है
सरसों का तेल:
सर्दी, फ्लू, खांसी से बचाव
नसों में गर्माहट और सक्रियता
पिंडलियों और पैरों के दर्द से राहत, रक्त संचार बढ़ाता है
पैरों की तेल मालिश कैसे करें? (विधि)
1. सोने से पहले पैरों को धोकर सुखा लें। 2. गुनगुना तिल या सरसों का तेल लें। 3. तलवों, टखनों, पिंडलियों की हल्के हाथों से 5-10 मिनट तक मालिश करें।
4. चादर को खराब होने से बचाने के लिए मोज़े पहनें या पैरों में रुई लपेट लें। 5. फिर सो जाएँ – और जादू देखें!
सोने से पहले पैरों की मालिश
नींद में सुधार अनिद्रा, बेचैनी और तनाव दूर करता है थकान/सुस्ती से राहत दिन भर की शारीरिक थकान दूर करता है पाचन तंत्र में सुधार नसों पर दबाव से आंतरिक अंगों को सक्रिय करता है सर्दियों में रूखेपन और फटने से बचाता है – तेल त्वचा को नमी प्रदान करता है जोड़ों के दर्द से राहत – खासकर वृद्ध लोगों के लिए आधुनिक विज्ञान क्या कहता है?
• न्यूरोलॉजी और रिफ्लेक्सोलॉजी के अनुसार, नियमित पैरों की मालिश:
• तंत्रिका तंत्र को शांत करती है
• रक्त परिसंचरण में सुधार करती है
• डोपामाइन और सेरोटोनिन जैसे हार्मोन जारी करती है (जो नींद और मूड को बेहतर बनाते हैं)
निष्कर्ष:
! सावधानियां:
अगर पैरों पर कोई खुला घाव हो तो तेल न लगाएँ
मधुमेह के रोगियों को पैरों की चोट से बचना चाहिए
अत्यधिक तेलीयता
फिसलने का कारण बन सकती है, सावधान रहें
एक छोटा सा प्रयास, स्वास्थ्य के लिए गहरे लाभ। आज जब महंगी नींद की गोलियाँ, तनाव निवारक दवाएँ और त्वचा उपचार आम हो गए हैं – एक चुटकी तिल या सरसों का तेल और कुछ मिनट की सेवा न केवल हमारी थकान, बल्कि जीवन के तनाव को भी दूर कर सकती है। आइए, इस आयुर्वेदिक परंपरा को फिर से अपने जीवन में अपनाएँ – नींद गहरी आएगी, स्वास्थ्य बेहतर होगा।